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Hindi Pages [397] Year 1912
Table of contents :
Bharat Varsh Ka Itihas_Vol 1_Front
Bharat-varsh ka itihas vol 1_Ag.pdf
Bharat-varsh ka itihas_Acharya Ramdev_Part 1_Front
Bharat-varsh ka itihas (vaidik tatha aarsh vol 1_SN
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भारतवर्ष का इततहास भाग १ : वैदिक व आर्ष पवष
अतिवीर िुर्भ ष ग्रंथ-संग्रह - एक पररचय अतिवीर द्वारा संकतर्त यह ग्रंथ-संग्रह धर्ष, आध्यात्र्, इततहास और अन्य तवर्यों पर अत्यंत िुर्षभ और र्ौतर्क पुस्तकों का संग्रह है। अपने सर्य के तवख्यात तवद्वान, चचंतकों और र्ेखकों द्वारा रतचत ज्ञान के इन अर्ूल्य र्ोततयों ने अपने रचनाकारों को अर्र कर दिया है। िुतनया की अंधी िौड़ र्ें ज्ञान के ये अर्ूल्य र्ोती खो ना जाएँ, इसतर्ए इन सबको यथा स्वरूप आपके सार्ने र्ाने का अतिवीर का यह प्रयास है। इन पुस्तकों र्ें तर्खी सब बातों से हर् सहर्त हों यह आवश्यक नहीं। परं तु धर्ष र्ागष र्ें अग्रसर एक साधक के तर्ए इनसे बढ़कर कोई तनतध नहीं हो सकती, ऐसा तनतित है। सृति के आरम्भ से अब तक के सब तवद्वान-र्नीर्ी तजन्होंने र्नुष्य को र्नुष्य बनाने र्ें अपना भाग डार्ा, ऐसे सब ऋतर्यों और पूवषजों के ऋण से र्ुक्त होने का यह एक छोटा सा प्रयास है।
भारतवर्ष का इततहास भाग १ : वैदिक व आर्ष पवष
आचायष रार्िेव
अग्निवीर - एक पररचय अग्निवीर आईआईटी - आईआईएम ग्निक्षा प्राप्त, डेटा वैज्ञाग्निक, और योगी श्री संजीव िेवर द्वारा स्थाग्नपत एक आंदोलि है। सत्य, आध्यात्म और पुरुषाथथ से संसार और स्वयं के ग्नलए सुख बढािा इस आंदोलि का उद्देश्य है। वेद, गीता और योग की िग्नियों से आज की समस्याओं के समाधाि में अग्निवीर कायथरत है। ‘ग्निकायत करिे वाले कभी िहीं जीतते, कमथ करिे वाले कभी िहीं हारते’, इस मंत्र को लेकर अग्निवीर िे समाज में धमथ और कमथ की ियी धारा प्रवाग्नहत की है। अग्निवीर के सम्पकथ में आकर हजारों प्रिंसकों के अपिे जीवि के ग्नलए बदला िजररया उिके पत्रों और संदि े ों से झलकता है। अग्निवीर के जीवि बदल देिे वाले संदि े ों को पढ कर आत्महत्या के ग्नलए जािे वाले ग्निराि लोगों का वापस जीवि में लौटिा इसी चमत्कार का ग्नहस्सा है। डर, िमथ और अन्य कारणों से समाज में कभी िा उठाए जािे वाले मुद्दों को अग्निवीर के प्रचंड पुरुषाथथ िे इस छोटे से समय में सबके सामिे ला खडा ककया है। सकदयों से जात-पात के बंधिों में ख़ुद को जकड कर रखिे वाले हहंद ू समाज में दग्नलत-यज्ञ की िुरुआत करके धार्मथक और जाग्नतयों की एकता का ग्नबगुल फूूँ का। असामाग्नजक तत्त्वों द्वारा हहंद ू मग्नहलाओं को बहला-फु सला कर धमथ-पररवतथि करके िादी करिे के बडे ग्नििौिे लव ग्नजहाद रै केट का पदाथफाि ककया। ग्नजहादी चंगल ु में फूँ सी मग्नहलाओं (कई िाबाग्नलग़ बग्नियों समेत) की रक्षा की। मुग्नस्लम मग्नहलाओं के समाि अग्नधकारों के ग्नलए चार िादी, ३ तलाक़, हलाला, ग्नजस्मािा-ग़़ुलामी की जंगली प्रथाओं के ग्नखलाफ जबरदस्त संिषथ ककया। इि सभी मुद्दों पर अग्निवीर के अिथक प्रयास ग्निरं तर जारी हैं। अग्निवीर िे भारत के संवेदििील क्षेत्रों में ग्नििःिस्त्र आत्मरक्षा कायथक्रम आयोग्नजत ककए हैं ताकक ग्नवषम समय में असहाय लोगों की रक्षा की जा सके । भारत और दुग्निया में तेजी से फै ल रहे इस्लामी कट्टरवाद से युवाओं को बचािे के ग्नलए अग्निवीर के Deradicalisation कायथक्रम देि रक्षा में अहम स्थाि
रखते हैं। मजहबी कट्टरवाद से बहुत से युवाओं को छु डाकर सिाति धमथ की मुख्यधारा में लािे का श्रेय अग्निवीर को है। भारत के स्कू लों में पढाए जा रहे झूठे इग्नतहास को अग्निवीर की चुिौती के बाद सिे इग्नतहास को लेकर लोगों की उत्सुकता और माूँग सकारात्मक प्रभाव का प्रमाण है। अग्निवीर की बीस से ज़्यादा ककताबें हहंद ू धमथ, आध्यात्म, वेद, योग, प्रेरणा, हहंद ू धमथ पर आक्षेप और उिके उत्तर, सामाग्नजक, जाग्नत, स्त्री-पुरुष एकता, मािव अग्नधकार, भारत में आक्रमणकाररयों का सिा इग्नतहास, मत-सम्प्रदायमजहब, कट्टरता और कई झकझोर देिे वाले मुद्दों पर छपी हैं जो अपिे ग्नवषय पर अग्नद्वतीय हैं और पाठकों में अत्यंत लोकग्नप्रय हैं। अग्निवीर भग्नवष्य का सूयथ है। आइए, जुग्नडए। पररवार, देि और धमथ की सेवा कीग्नजए। जीवि को एक मतलब दीग्नजए। मोक्ष मागथ पर आरूढ हो जाइए। अग्नधक जािकारी के ग्नलए देख-ें वेबसाइट: http://www.agniveer.com/ फे सबुक: http://www.facebook.com/agniveeragni यूट्यूब: http://www.youtube.com/agniveer ग्नववटर: http://www.twitter.com/agniveer अग्निवीर का सदस्य बििे के ग्नलए, यहां सदस्यता फॉमथ भरें : http://www.agniveer.com/membership-form/ अग्निवीर को सहयोग प्रदाि करिे के ग्नलए, यहां जाएूँ: पेमेंट पेज : http://www.agniveer.com/pay/ पेपाल : [email protected]
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