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Sanskrit, Hindi Pages 160
Table of contents :
विवेक-चूड़ामणि
निवेदन
विषय-सूचि
1. मंगलाचरण
2. ब्रह्मनिष्ठाका महत्त्व
3. ज्ञानोपलब्धिका उपाय
4. अधिकारिनिरूपण
5. साधन-चतुष्टय
6. गुरूपसत्ति और प्रश्नविधि
7. उपदेश-विधि
8. प्रश्न-निरूपण
9. शिष्य-प्रशंसा
10. स्व-प्रयत्नकी प्रधानता
11. आत्मज्ञानका महत्त्व
12. अपरोक्षानुभवकी आवश्यकता
13. प्रश्न-विचार
14. स्थूल शरीरका वर्णन
15. विषय-निन्दा
16. देहासक्तिकी निन्दा
17. स्थूल शरीर
18. दस इन्द्रियाँ
19. अन्त:करणचतुष्टय
20. पंचप्राण
21. सूक्ष्म शरीर
22. प्राणके धर्म
23. अहंकार
24. प्रेमकी आत्मार्थता
25. माया-निरूपण
26. रजोगुण
27. तमोगुण
28. सत्त्वगुण
29. कारण-शरीर
30. अनात्म-निरूपण
31. आत्म-निरूपण
32. अध्यास
33. आवरणशक्ति और विक्षेपशक्ति
34. बन्ध-निरूपण
35. आत्मानात्म-विवेक
36. अन्नमय कोश
37. प्राणमय कोश
38. मनोमय कोश
39. विज्ञानमय कोश
40. आत्माकी उपाधिसे असंगता
41. मुक्ति कैसे होगी?
42. आत्मज्ञान ही मुक्तिका उपाय है
43. आनन्दमय कोश
44. आत्मस्वरूपविषयक प्रश्न
45. आत्मस्वरूप-निरूपण
46. ब्रह्म और जगत्की एकता
47. ब्रह्म-निरूपण
48. महावाक्य-विचार
49. ब्रह्म-भावना
50. वासना-त्याग
51. अध्यास-निरास
52. अहंपदार्थ-निरूपण
53. अहंकार-निन्दा
54. क्रिया, चिन्ता और वासनाका त्याग
55. प्रमाद-निन्दा
56. असतू-परिहार
57. आत्मनिष्ठाका विधान
58. अधिष्ठान-निरूपण
59. समाधि-निरूपण
60. वैराग्य-निरूपण
61. ध्यान-विधि
62. आत्म-दृष्टि
63. प्रपंचका बाध
64. आत्म-चिन्तनका विधान
65. दृश्यकी उपेक्षा
66. आत्मज्ञानका फल
67. जीवन्मुक्तके लक्षण
68. प्रारब्ध-विचार
69. नानात्व-निषेध
70. आत्मानुभवका उपदेश
71. बोधोपलब्धि
72. उपदेशका उपसंहार
73. शिष्यकी विदा
74. अनुबन्ध-चतुष्टय
75. ग्रन्थ-प्रशंसा
भगवान् शंकराचार्य और विवेक-चूडामणि